Wednesday, July 22, 2009

आज न कोई नारा होगा सिर्फ़ देश बचाना होगा

साधो देखो रे जग बौराना रे साधो ।

देखो रे जग बौराना ॥

साची कहो तो मारन लागे,

झूठी कहो पतियाना

हिंदू कहत है राम हमारा,

मुस्लमान रहमाना

आपस में दोऊ लडै मरत हैं

मरम न कोई जाना ॥

घर घर मंतर देत फिरत हैं,

माया के अभिमाना

पीपर पत्थर पूजन लागे,

तीरथ गए भुलाना ॥

देखो रे जग बौराना....

माला फेरे टोपी पहिरे,

छाप तिलक अनुमाना

कहे कबीर सुनो भाई साधो,

ये सब भरम भुलाना ॥

देखो रे जग बौराना............

...............................................................................................................सहमत

No comments:

Post a Comment