Friday, May 7, 2010

सलाम साथियों
हमारा मंच के कुछ साथियों ने एक शिकायत केंद्रीय लेबर डिपार्टमेंट में लगाई और उनको बताया की किस तरह से आई आई टी कानपुर के अंदर श्रम कानूनों कहा पालन नहीं होता है और श्रम कानून आई आई टी कानपुर के अंदर एक मजाक है। इस शिकायत की जाच की करने के लिए लेबर डिपार्टमेंट से दो अधिकारी आई आई टी कानपुर में आये और उन्होंने कुछ चीजो को को देखा और पाया की सही में आई आई टी कानपुर में श्रम कानूनों कहा पालन नहीं होता है और उन्होंने एक रिपोर्ट बना कर लेबर डिपार्टमेंट को दी जिसमे ये माना गया था की कैसे आई आई टी कानपुर में न्यूनतम दिहाड़ी भी नहीं मिलती है। अब आप लोग सोच सकते है की जहा लोगों को न्यूनतम मजदूरी नहीं मिलती वहाँ जो बातें ठेका मजदूरों के लिए ठेका कानून में लिखी है वो मिलना तो दूर की बात है।

उसके बाद हमारे साथियों ने लेबर कमिश्नर के से बात की और उनको आई आई टी कानपुर में अगर अपनी आँखों से सब कुछ देखने के लिए कंहा और वो तैयार हो गए। दिनाक ७ मई २०१० को लेबर कमिश्नर आई आई टी कानपुर में आये और उन्होंने भी सब कुछ अपनी आँखों से देखा की कैसे लोगों से काम कराया जाता है और कैसे लोगों के काम करने की जगह पर कोई सुविधा नहीं है, और एक मजेदार बात और हुई की लोगों को आधे समय से ही छुट्टी दे दी गयी और साईट पर कोई भी रजिस्टर नहीं पूरा था।

तो साथियों उन्होंने तो सब कुछ देखा लिया लेकिन अब हम लोगों को ये देखा है की लेबर कमिश्नर क्या करते है। लेकिन हम कैसे विस्वास करे की वाकई वो कुछ करेगें क्युकी अगर वो अपना काम सही तरीके से करते तो उन्हें यहाँ आना ही नहीं पड़ता। लेकिन साथियों में आप लोगों से एक बात ही कहूँगा की हम लोगों को अगर किसी के ऊपर भरोसा करना है तो सबसे पहले अपने ऊपर भरोसा करो और उसके बाद कोई हमारा साथ देंगे तो वो हमारे साथी होंगे और जब हमारी ताकत ऐसी हो जाएगी की हम किसी को भी अपनी बात मानने के लिए मजबूर कर सके तो सभी लोग हमारी तरफ ही आयेंगे, फिर चाहे वो कोई भी क्यों नामक हो।

मजदूर है मजबूर नहीं......
हम अपना हक लेकर रहेंगे......

दीन दयाल सिंह
जन चेतना कला मंच