Friday, July 17, 2009

जोगीरा सारा रा... ..रा.....

जोगीरा सारा रा... ..रा.....
जोगीरा सारा रा...रा.....
विश्व बैंक के गेट पे खड़ा है एक इंसान
हमने पूछा कौन तो भईया बोला हिन्दुस्तान
कटोरा लिए खड़ा है
"होए" ,
कटोरा लिए खड़ा है
"होए"
कटोरा लिए खड़ा है
"होए"
कटोरा लिए खड़ा है
बोल...
जोगीरा सारा रा... रा.....
"होए"
जोगीरा सारा रा... रा.....
नई शिक्षा नीतका नया बना मजलूम
पैसे वाले खूब पढ़ेगे जाकर देहरादून
बाकि सब भैस चराए
"होए"
बाकि सब भैस चराए
"होए"
बाकि सब भैस चराए
"होए"
बाकि सब भैस चराए
बोल...
जोगीरा सारा रा... रा.....
"होए"
जोगीरा सारा रा... रा.....
संसद और विधान सभा में चलते जूता चप्पल
नेता जी अब डाकू बन गए देश बन गया चम्बल
सभी को सहना होगा...
"होए"
सभी को सहना होगा...
"होए"
सभी को सहना होगा...
"होए"
सभी को सहना होगा... "होए"
बोल...
जोगीरा सारा रा... रा.....
"होए"
जोगीरा सारा रा... रा.....
संसद की इस रेल का हो गया चक्का जाम
चल चल भइया भाग चले कहीं गंगा जी के धाम
की पंडा गिरी करेगे
"होए"
की पंडा गिरी करेगे
"होए"
की पंडा गिरी करेगे
"होए"
की पंडा गिरी करेगे
बोल...
जोगीरा सारा रा... रा.....
"होए"
जोगीरा सारा रा... रा.....
वकील साहब ने जज से पूछा अपनी कलम दिखाकर
अपराधी गर दोषी हो तो जल्दी से रिहा कर
क्यों की ................
सीएम का साला लगता
"होए"
सीएम का साला लगता
"होए"
सीएम का साला लगता
"होए"
सीएम का साला लगता
बोल...
जोगीरा सारा रा... रा.....
"होए"
जोगीरा सारा रा... रा.....
जोगीरा सारा रा... ॥रा.....
विश्व बैंक के गेट पे खड़ा है एक इंसान
हमने पूछा कौन तो भईया बोला हिन्दुस्तान
कटोरा लिए खड़ा है
"होए" ,
कटोरा लिए खड़ा है
"होए" कटोरा लिए खड़ा है
"होए"
कटोरा लिए खड़ा है
बोल...
जोगीरा सारा रा... रा.....
"होए"
जोगीरा सारा रा... रा.....

Sunday, July 12, 2009

२ जुलाई नुकड़ नाटक गड्ढा

साथियों
जुलाई को जन चेतना कला मंच ने नुक्कड़ नाटक " गड्ढा " का मंचन मंधना में किया। गड्ढा नाटक में एक इंसान गड्ढे में गिर जाता है गड्ढे के पास से बहुत से लोग गुजरते है पैर कोई उसकी मदद नही करता है। सरकारी आदमी , पुलिस, आम जनता, समाज सेवक , यहाँ तक की गड्ढे के ऊपर पटरे रख कर नेता जी का मंच बनाया जाता है जब नेता जी को पता चलता है तो नेता जी कहते है की ये तो समाधान है गड्ढे में गरीब, बेरोजगार, आपने हक़ के लिए लड़ने वाली जनता को गिरा कर उसके ऊपर से मिट्टी गिरवा कर पुरे भारत से गरीबी, बेरोजगारी सब दूर कर देते और भारत को विकसित देश बना देते। पुलिस वाला आता है तो निकलने की जगह उसका चालान कर देता। आम जनता भी उसकी मदद नही करती है। समाज सेवक भी उसकी मदद नही करता है और कहता है की उसको पता है समाज सेवा कंहा, कब, और कैसे करना है। करीब ५० लोगो ने नाटक को देखा