अल्लाह निगेहबान यहाँ भी है वहाँ भी,
खूँख्वार दरिंदों के फ़क़त नाम अलग हैं,
शहरों में बियाबान यहाँ भी है वहाँ भी,
रहमान की कुदरत हो या भगवान की मूरत,
हर खेल का मैदान यहाँ भी है वहाँ भी,
हिन्दू भी मज़े में है मुसलमान भी मज़े में,
इंसान परेशान यहाँ भी है वहाँ भी |
.............ये शायरी निदा फाजली जी ने भारत और पाकिस्तान पर लिखा है ।