साथियों १५ अगस्त को हमारा प्रोग्राम एक शाम शहीदों के नाम होना था, पर शायद आसमान को ये मंजूर था। १५ अगस्त को पूरे समय पानी गिरा लेकिन साथियों ने हिम्मत नहीं हारी और जैसे ही पानी रुका वैसे ही पानी निकलने के लिए कुछ कुछ करने लगे पैर जैसे ही हम लोगो ने पानी नकाल दिया वैसे ही फ़िर पानी suru हुआ और ये सिलसिला करीब शाम ५ बजे तक चलता रहा। और फिर हम लोगों ने प्रोग्राम को १६ अगस्त को करने का प्लान बनाया।
Thursday, September 17, 2009
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