Tuesday, August 4, 2009

कबीर

कहता हूँ कहि जात हूँ,
कहा जो मान हमार ।
जाका गला तुम काटि हो,
सो फिर कटे तुम्हार ॥
.........कबीर
मैं बार बार कहता रहा हूँ, अगर तुम मेरी मनो तो ।
जिसका गला तुम काट रहे हो वो फिर तुम्हारा गला काटेंगे ॥
i' ve been saying,
time after time,
listen, if you care:
if you slit someone's throat
they will slit yours.

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