Sunday, September 12, 2010

५ सितम्बर : नुक्कड़ नाटक "राजा का बाजा"

सितम्बर : शिक्षक दिवस
5 सितम्बर को जन चेतना कला मंच ने परेड चौराहे पर नाटक "राजा का बाजा" का मंचन किया। साथियों जैसा की आप सभी जानते है की हमारी सरकार शिक्षा को लेकर कितना हल्ला मचा मचा कर कहती है की हमने वहाँ ये किया है, वहाँ ये विद्यालय खोल दिए है, अब हर बच्चा पढने जायेगा।
नाटक "राजा का बाजा" में भी दिखाया गया है की कैसे एक लड़का प्रथिमिक विद्यालय से लेकर उसने मास्टर डिग्री तक की पढाई पूरी ईमानदारी से करता है पर जब नौकरी के लिया जाता है तो हर जगह से वो निराश लौटता है। ऐसा नहीं था की उसमे कबिलियात नहीं थी असल में उसके पास नहीं था तो किसी बड़े आदमी की सिफारिश और ना ही देने के लिए पैसे और हर जगह से वो नाकाम लौटता है, पर वो इन सब के लिए अपने आप को जिम्मेदार नहीं मानता और आखिरी में उसका सवाल लोगों से यही होता है की इसका जिम्मेदार कौन है। इस नाटक का मंचन गौतम, विनोद, विपिन, मोहित, विवेक, मनोज, अंकित, भवर पाल, दीपक, आदि साथियों के द्वारा किया गया।











1 comment:

  1. बहुत बढ़िया प्रस्तुति .......


    मेरे ब्लॉग कि संभवतया अंतिम पोस्ट, अपनी राय जरुर दे :-
    http://thodamuskurakardekho.blogspot.com/2010/09/blog-post_15.हटमल

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